tag:blogger.com,1999:blog-994425722334012253.post2222165169253851627..comments2023-06-18T07:45:46.439-07:00Comments on Khuda Khair kare: ग़ुरबत का मकांѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-994425722334012253.post-92137502512817499782010-11-14T03:48:48.237-08:002010-11-14T03:48:48.237-08:00महेन्द्र भाई , कपिला जी, सदाजी , विजय वर्मा जी और ...महेन्द्र भाई , कपिला जी, सदाजी , विजय वर्मा जी और वाणी जी <br />आपके कमेन्टस मेरे लिये किसी धरोहर से कम नहीं , शुक्रिया।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttps://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-994425722334012253.post-37614362484632021032010-11-11T03:48:11.412-08:002010-11-11T03:48:11.412-08:00अच्छी ग़ज़ल !अच्छी ग़ज़ल !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-994425722334012253.post-76945959404649465532010-11-10T22:27:32.985-08:002010-11-10T22:27:32.985-08:00टूटे है इमदाद के दरवाजे लेकिन
मेहनत का साफ़ ,एक प...टूटे है इमदाद के दरवाजे लेकिन <br />मेहनत का साफ़ ,एक पर्दा लगा है.<br /> बहुत अच्छी ग़ज़ल. बधाई.<br /> v k vermaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/12683980199228988001noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-994425722334012253.post-40226290963016994282010-11-10T21:23:54.918-08:002010-11-10T21:23:54.918-08:00टूटे हैं इमदाद के दरवाज़े लेकिन
मेहनत का साफ़, इक पर...टूटे हैं इमदाद के दरवाज़े लेकिन<br />मेहनत का साफ़, इक पर्दा लगा है।<br /><br /><br />बहुत ही सुन्दर पंक्तियां भावमय प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-994425722334012253.post-23489936712059185652010-11-10T20:55:08.882-08:002010-11-10T20:55:08.882-08:00बेटी की शादी के खातिर धन नहीं है
इसलिये अब बेटी ही...बेटी की शादी के खातिर धन नहीं है<br />इसलिये अब बेटी ही, बेटा बना है।<br /><br />सुख से सदियों से अदावत है हमारी<br />ग़म ही अब हम लोगों का सच्चा ख़ुदा है।<br />हर एक शेर दिल को छूता है। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-994425722334012253.post-35719653074211009362010-11-10T20:23:28.196-08:002010-11-10T20:23:28.196-08:00सुख से सदियों से अदावत है हमारी
ग़म ही अब हम लोगों...सुख से सदियों से अदावत है हमारी<br />ग़म ही अब हम लोगों का सच्चा ख़ुदा है।<br /><br />बहुत ही शानदार ग़ज़ल।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.com